Dipawali 2024, luxmi pujan time, date. Laxmi pujan kab ki jayegi ?


Diwali mata luxmi puja 2024: Dhanteras aur chhoti dipawali kab mamani hai ? kis din manani hai diwali ? Bhaiya duj kab hai ?

धनतेरस, छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली, 30, 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, देखें कि देश-भर में कब-कब और क्या - क्या मनाया जायेगा ?





Dhanteras kab hai: धनतेरस कार्तिक मास के  कृष्णा पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल धनतेरस मंगलवार, 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन देशभर में सोने चांदी के आभूषण और नए बर्तन झाड़ू खरीदने की परंपरा बरसों से चली आ रही है। धनतेरस का पावन पर्व में भगवान धनवंतरी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेरजी के साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी मी और गणेशजी की पूजा की जाती है। धनतेरस के शुभ अवसर पर घर में धनिया और झाड़ू लाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर पूरे साल धन समृद्धि बढ़ाती हैं और आशीर्वाद बरसाती हैं। इस दिन बहुत से लोग अपने घर में रोजाना के प्रयोग की नई इलेक्ट्रॉनिक चीजें भी लाते हैं। जो अपने घरों में सजावट भी करते हैं। 

Chhoti diwali 2024, हनुमान जयंती, नरक चतुर्दशी कब है ?: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है। छोटी दिवाली इस बार बुधवार, 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। छोटी दीवाली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इस दिन पौराणिक मान्यता के अनुसार हनुमानजी की जयंती भी मनाई जाती है। साथ ही इसे रूप चौदस और छोटी दीवाली भी कहते हैं और इस दिन दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम का दीपक भी जलाया जाता है। साथ ही इस दिन हनुमानजी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाना और चोला चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है।

Diwali 2024 Date confusion: आज देश भर में धनतेरस के साथ दीपावली के पावन पर्व की शुरुआत हो चुकी है लेकिन इस बार दिवाली की तिथि को लेकर लोगों के बीच कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। कुछ जगहों पर दिवाली का पर्व बृहस्पतिवार, 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है तो कुछ जगहों पर शुक्रवार, 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन की तिथि बताई जा रही है। तो आइए आपका कन्फ्यूजन दूर करते हैं और जानते हैं कि देशभर के किस राज्य में किस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाएगा...

Kab manani hai Dipawali 2024: देशभर में साफ - सफाई, मिठाई प्रकाश, एवं लक्ष्मी पूजन का पर्व दीपावली की तैयारियां पूरे उत्साह और उमंग के साथ जारी हैं। इस बार देशभर में दीपावली की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाए जाने का विधान है। कुछ लोग बृहस्पतिवार, 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने की बात कह रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि दीपावली शुक्रवार, 1 नवंबर को मनाई जाएगी। देशभर के विद्वान पंडित और ज्योतिषाचार्यों ने दीपावली पर्व के विधिक तिथि को लेकर अपने - अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने पंचांग के मुताबिक पर्व की तारीख भी बताई है।

Kab hai badi Diwali 2024: सरकारी दफ्तरों में छुट्टी बृहस्पतिवार, 31 अक्टूबर को है, जबकि बड़े मंदिरों में दिवाली एक नवंबर को मनाई जाएगी, जिस कारण लोग भ्रमित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि छुट्टी बृहस्पतिवार, 31 अक्टूबर को है, तो इसलिए पर्व भी उसी दिन मनाया जाएगा। कुछ ऐसी मान्यता है कि दिवाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है, जो बृहस्पतिवार, 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होगी। बड़ी दिवाली पर लक्ष्मी जी का पूजन संध्या काल में किया जाता है। एक नवंबर को अमावस्या सुबह सवा छह बजे तक ही है, इसलिए इसके बाद लक्ष्मी पूजन नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि बड़ी दिवाली 31 अक्टूबर को मनाना शुभ है।

Govardhan puja 2024, अन्नकूट कब है ? बड़ी दीपावली के अगले ही दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इसे अन्नकूट पर्व के नाम से भी जानते है। गोवर्धन पूजा शनिवार, 2 नवंबर को की जाएगी। हमारे धार्मिक और पौराणिक मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान कृष्ण ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठाकर सभी मथुरा वासियों को भीषण वर्षा से रक्षा की थी। तब से इस पर्व को गोवर्धन पूजा के रूप में हर साल मनाते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।


Bhaiya duj kab hai 2024: भाईदूज दीपावली के महाउत्सव का आखिरी दिन होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। साल 2024 भाई दूज रविवार, 3 नवंबर को मनाई जाएगी। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन यमराज की यमुना ने अपने भाई को सबसे पहले तिलक किया था। तभी से हर साल इस शुभ मौके पर बहनें अपने भाइयों को टीका करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामनी करती हैं।


निष्कर्ष 

जो लोग दिवाली बृहस्पतिवार, 31 अक्टूबर को दिवाली मना रहे हैं उनके लिए प्रदोष काल व वृषभ काल पूजन के दो - दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रदोष काल व वृषभ काल में दिवाली पूजन या लक्ष्मी पूजन करना अत्यंत शुभ बताया गया है। प्रदोष काल शाम 5 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वृषभ काल शाम 6 बजकर 20 मिनट से रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इस दौरान ही लक्ष्मी पूजन किया जा सकेगा।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए एक अन्य मुहूर्त मिल रहा है। लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन की कुल अवधि 41 मिनट की है




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